रिपोर्ट लालचंद प्रजापति
प्राइवेट शिक्षा प्रबंधन प्रणाली दे रही खुली चुनौती"रिया अब कभी स्कूल नहीं जाएगी..."
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में 9वीं कक्षा की छात्रा रिया प्रजापति पुत्री कमलेश प्रजापति थाना मांधाता के ग्राम पितईपुर ने इसलिए अपनी जान दे दी क्योंकि उसके गांव में ही संचालित कमला शरण इंटर कालेज में कक्षा 9 की छात्रा थी विद्यालय में ग्रह परीक्षा चल रही थी स्कूल की 800 रुपए फीस बकाया होने पर उसे कॉलेज प्रबंधक संतोष कुमार यादव , प्रधानाचार्य राजकुमार यादव , आदि ने परीक्षा से बाहर कर दिया और अपमानित किया जिससे निराश और अपमानित होकर रिया प्रजापति घर वापस हो गई और रस्सी से फांसी लगाकर जान दे दी ।चार भाई बहनों में सबसे छोटी थी पिता कमलेश प्रजापति दिल्ली में रहकर मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करता था मां पूनम देवी ने थाने में तहरीर दी है।
क्या यही है हमारी "नई शिक्षा नीति"?
क्या यही है वो "समावेशी भारत", जहाँ हर बच्चा पढ़ने का अधिकार लेकर पैदा होता है?
आज हम चाँद पर जा रहे हैं, AI में तरक्की कर रहे हैं, डिजिटल इंडिया बना रहे हैं...
लेकिन क्या हमारी संवेदनाएं मर चुकी हैं?
क्या शिक्षा अब सिर्फ पैसे वालों की जागीर बनकर रह गई है?
प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा को कारोबार बना डाला है।
मनमानी फीस
बिल्डिंग चार्ज
यूनिफॉर्म और बुक्स सेंटर के नाम पर लूट हर वर्ष बदलती किताबें
स्कूल कालेज परिसर में ही सजती निजी दुकानें या चिन्हित दुकान से ही लाने को करते बाध्य जहां से मिलता मोटा कमीशन ,,
और गरीब बच्चों के आत्मसम्मान को रौंदते शिक्षक और प्रबंधन...
रिया तो चली गई...
पर सवाल छोड़ गई — कौन जिम्मेदार है उसकी मौत का?
रिया जैसी हजारों बच्चे बच्चियाँ कहीं चुप हैं, कहीं टूट रहे हैं...अखिल भारतीय प्रजापति कुंभकार महासभा फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल प्रजापति द्वारा प्रदेश सरकार से मांग की जाती हैं कि रिया प्रजापति की मौत की गंभीरता से जांच कराकर प्रबंधक ,प्रधानाचार्य सहित सभी दोषियों के खिलाफ शक्त कार्यवाही हो और रिया प्रजापति के परिजनों को न्याय दिलाने का काम करे पीड़ित परिवार को पचास लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश कालेज को हो ।
रामपाल प्रजापति
राष्ट्रीय अध्यक्ष
अखिल भारतीय प्रजापति कुंभकार महासभा फोरम
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