महाकुंभ में पवित्र संगम की धरती पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बसाए गए सांस्कृतिक गांव कलाग्राम में विभिन्न राज्यों से आए व्यंजनकारों के चेहरे पर सुकून की छावं साफ दिख रही है। कलाग्राम में शिल्प और स्वाद का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। बिहार का लिट्टी चोखा तो राजस्थान की कचौडी, पंजाब का चूरमा श्रद्धालुओं को खूब भा रही है। वही विभिन्न सांस्कृतिक आंगन में लगाए गए स्टाल में लोग खूब खरीददारी कर रहे हैं। कलाग्राम के फूड जोन में प्रयागराज के चकिया के रहने वाले अमूल गुप्ता के स्टाल को कैसे भूल सकते हैं। लाखों का पैकज छोड़कर लोगों का शुगर नियंत्रित कर रहे हैं,अगर आपको अपने शूगर पर नियंत्रण रखना है तो इनके द्वारा बनाए गए शूगर फ्री लड्डू अवश्य खाये।
यह शुगर की लड्डू एक-दी नहीं बल्कि आठ प्रकार के हैं। इसमें बाजरा, जौ और स्तू का लड्डू सबसे खास है। यह शुगर पर नियंत्रण तो रखता ही है, साथ ही वजन भी नहीं बढ़ने देता। इसका स्वाद भी बेमिसाल होता है। इसका स्वाद लेने के लिए कलाग्राम में लोग पहुंच रहे हैं। खुद तो इस लड्डू को खाते ही हैं। अपने दूरदराज रहने वाले नाते-रिश्तेदारों को भी भिजवाते हैं। अमूल गुप्ता बताते हैं कि लोग बाजरा का लड्डू सबसे अधिक पसंद करते हैं। इसे शुगर की बनाया गया है। इसे वह खास तरीके से बनाते हैं। इसके अलावा मूंग की दाल, रागी, औट्स्, अंजीर के लड्डू भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। रागी व औट्स के लड्डू मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक है। चाकलेट बालनेट के लड्डू से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करता है। अमूल बताते हैं कि उन्होंने फूड इंडस्ट्री में करीब 10 वर्ष तक रहे। एमएससी फूड टेक्नालाजी की पढ़ाई करने वाले अमूल गुप्ता कई कंपनियों में विभिन्न पदों पर रहे। बताते है कि इस समय की सबसे अधिक समस्या मधुमेह के मरीजों के लिए है। आम आदमी की तरह वह मिठाई का सेवन नहीं कर सकते है। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने शुगर की लड्डू बनाने का निर्णय लिया, ताकि मधुमेह के मरीज भी लड्डू का स्वाद ले सके। लड्डू में मिठास लाने के लिए वह अंजीर, काजू व किसमिस का भी उपयोग करते हैं। उनके द्वारा निर्मित उत्पाद को खरीदने के लिए काफ़ी संख्या में लोग आ रहे हैं l

एक टिप्पणी भेजें

 
Top