रिपोर्ट विष्णु शर्मा 
JLG कर्ज लेने से सावधान! के बोर्ड जगह जगह दुकानों व गाँव में लगे  
 
आजमगढ /फूलपुर 

आजमगढ स्थानीय क्षेत्र के गाँव मे दिखा "कर्ज से सावधान" सामुहिक रूप से दिया जाने वाला कर्ज सहायता नहीं बल्कि षडयंत्र है 

 स्थानीय क्षेत्र बनवीरपूर ग्राम सभा 
 के गाँव व दुकानों पर दिखा "कर्ज से सावधान" सामुहिक रूप से दिया जाने वाला कर्ज सहायता नहीं बल्कि षडयंत्र है! 
सामुहिक लोन की बात करें तो यह लोन सिर्फ महिलाओं के नाम दिया तीन स्टेप को पूरा करने के बाद दिया जाता है जिसमें पहले स्टेप में कम से कम 5 से 7 महिलाओ को इकट्ठा करने के बाद ग्रुप बना कर फॉर्म भरा जाता है उसके बाद दूसरे स्टेप में घर की विजिट किया जाता है तथा तीसरे स्टेप में बैंक के अधिकारी (BM/AM) द्वारा उन ग्राहकों का वेरीफिकेशन (GRT) किया जाता है उसके बाद उनको शाखा पर बुलाकर अपने फाइनेंस नियम कानून के बारे में बताते हैं तब उनको उनके खाते में भुगतान कर दिया जाता है जिनका ब्याज 25 से 30 प्रतिशत होता है गाँव की महिलाओं को न जानकारी होने से जाल में फस जाती हैं तथा इसी प्रकार से धीरे धीरे और कर्जे में डूब जाते हैं जिससे उस फाइनेंस के रिकवरी एजेंट आकर महिलाओं के साथ अभद्रता व तमाम प्रकार से धमकी तथा पुलिस की धमकी देते हैं इसी से बचने के लिए यह पोस्टर गाँव गाँव मे चिपकाया गया है और उनके सलाहकार के नंबर भी दिया गया है इस बैनर पर क्या लिखा है आइए देखते हैं सावधान! कुछ पैसे वाले लोग अपनी खुद की माइक्रोफाइनेंस कंपनी रजिस्टर्ड करवा कर ग्रामीण क्षेत्री में पर्सनल लोन बांट रहे हैं। यह गांव की कम पढ़ी-लिखी या अनपढ़ महिलाओं का समूह बनाते हैं।

फिर उन महिलाओं को रोजगार करने का लालच देते हैं और उनका नाम लिखना सिखाते हैं ताकि वह अपनी सिग्नेचर कर सकें। उन्हें 1 या 2 परसेंट ब्याज बताकर 22 से 30% तक का ब्याज लेते हैं। फिर साप्ताहिक बा हर 15 दिन पर वसूली करने आते हैं।

किसी हफ्ते या निर्धारित समय पर पैसा न मिलने पर उनके पजेंट खुद या कभी कभी अपनी ब्रांच के अन्य सदस्यों को बुलाकर महिलाओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं, गाली गलौज देते हैं, मारने पौटने, अपनी ब्रांच पर बंदी बनाने व जेल भेजने, घर को कुर्क और सीज करने की धमकी देते हैं। इन पजेंट का मानना है कि आपके घर में यदि किसी की मौत हो जाए या किसी भी प्रकार की कोई भी अनहोनी हो जाए फिर भी इनको समय से पैसा चाहिए यदि पैसा नहीं मिल रहा है तो रात के 11 बजे तक घर पर हंगामा करते हैं। जबरन घर की चीजें तोड़ते या लेकर चले जाते हैं। जानकारी का अभाव व डर होने के नाते इनके खिलाफ कोई सूचना नहीं दी जाती है। उनके दबाव में आकर बहुत से कर्जदार अपने घर की कीमती वस्तुएं, जमीन जायदाद औने-पौने दाम में बेचने, घर छोड़कर भागने व आत्महत्या करने की कगार पर आ गए हैं। कर्जदार के घर पढ़ाई करने की उम्र में छोटे-छोटे बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं। पूरा जौवन बद‌तर हो गया। यदि आपके भी साथ ऐसा दुव्र्यवहार किया जा रहा हो तो उसकी वीडियो बनाकर दिए गए नंबर पर भेजें।

यदि आप भी इस षड्यंत्र के शिकार हो चुके हैं तो आप अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में इसकी सूचना दे सकते हैं या हमारे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं आपकी पूरी सहायता की जाएगी। यथा संभव आपका कर्ज माफ करवाया जाएगा। 9565779303

कृपया अन्य तक यह जानकारी पहुंचा हमारा साथ है ताकि किसी अनहोनी को रोका जा सके। धन्यवाद 
क्या ये होना सम्भव है तमाम सवाल खड़े हो रहे

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