रिपोर्ट विष्णु शर्मा
आजमगढ/ फूलपुर
दुर्वासा फूलपुर से 6 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह जगह विशेष रूप से दुर्वासा ऋषि आश्रम के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन समय में हजारों की संख्या में विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करने के लिए यहां आते थे तथा प्रत्येक दिन हज़ारों श्रद्धालू स्नान पूजन हवन के लिए आते हैं! हिन्दू पवित्र स्थान है, जहाँ मझुई नदी का संगम तमसा नदी से होता है, जो गंगा नदी की एक उपनदी है।
प्रत्येक वर्ष कार्तिक-पूर्णिमा के अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। यहाँ संगम पर नदी के एक ओर दुर्बाषेश्वर महादेव मन्दिर स्थित है और दूसरी ओर महाबल निषाद मन्दिर है। समीप ही एक हनुमान मन्दिर भी है। जिसके पीछे रैन बसेरे के बगल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है! तथा दुर्वासा धाम कास्नानागार और शौचालय की स्थिति बहुत ही बदतर है! साफ सफाई कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आती है, हमेशा लटका रहता है ताला वहीं भाजपा मंडल महा मंत्री रवीन्द्र प्रताप सिंह उर्फ बिट्टू ,धीरज आदि लोगों का कहना है कि
दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को खासकर महिला दर्शनार्थियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है! अभी तक सरकार द्वारा बनाए गए शौचालय पर न ही ग्राम प्रधान की निगाह जाती हैं ना तो मंदिर प्रशासन की, अब देखना यह है कि मंदिर प्रशासन व संबंधित अधिकारी इस मामले को संज्ञान में लेते हैं या उदासीनता पूर्वक हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहते हैं
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