रिपोर्ट विष्णु शर्मा
दुर्वासा में तमसा नदी का पानी आता है काला स्नान करने वालो को होती हैं समस्या
आजमगढ स्थानीय क्षेत्र मे दुर्वासा धाम फूलपुर से 6 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह जगह विशेष रूप से दुर्वासा ऋषि आश्रम के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन समय में हजारों की संख्या में विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करने के लिए यहां आते थे! तथा प्रत्येक दिन हज़ारों श्रद्धालू स्नान पूजन हवन के लिए आते हैं! हिन्दू पवित्र स्थान है, जहाँ मझुई नदी का संगम तमसा नदी से होता है, जो गंगा नदी की एक उपनदी है। उत्तर की दिशा से आने वाली नदी तमसा का पानी अब काला देखने को आ रहा है ग्रामीणों के अनुसार बताया गया कि अकबरपुर में गन्ने के मील का पानी इसी नदी में छोड़ा जाता है जिससे गंदे पानी मे स्नान करने वालो को समस्या होती हैं, तथा यहां पर स्नान करने वालो के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं है पूर्व में इसका पैसा आया था जो वापस ले लिया गया मंदिर अध्यक्ष प्रेमचंद गिरी द्वारा बताया गया सरकार से मंदिर के लिए सिर्फ पच्चीस प्रतिशत कार्य किया गया बाकी आम जनता के सहयोग से हुआ है
प्रत्येक वर्ष कार्तिक-पूर्णिमा के अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। यहाँ संगम पर नदी के एक ओर दुर्बाषेश्वर महादेव मन्दिर स्थित है और दूसरी ओर महाबल निषाद मन्दिर है। समीप ही एक हनुमान मन्दिर भी है!
माना जाता है! की महर्षि दुर्वासा माँ सति अनुसूइया के पुत्र थे जो बाल्यावस्था में 14 वर्ष में चित्रकूट पैदल आए थे तथा यह ऋषि महर्षि दुर्वासा तीनों युगों में रहे हैं! मौके पर दुर्वासा धाम के अध्यक्ष प्रेमचंद गिरि मंदिर व्यवस्थापक बलराम तिवारी श्रीराम गौड़ BDC व भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष रितिक सिंह भाजपा मंडल महामंत्री नीरज गिरि आदि लोग मौजूद थे
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