पुलिस न्याय प्रणाली बनी चर्चा का विषय


शाहगंज जौनपुर। खेतासराय स्थानीय कस्बा के बहुचर्चित असलम कटरा में तीन दशकों से रह रहे स्व0 मकबूल के परिवार का आरोप है कि भू-माफिया कटरा स्वामी की मिलीभगत से सोमवार की सुबह शाहगंज पुलिस ने सिविल ड्रेश व वर्दी के साथ दर्जनों की संख्या में पहुंचकर स्व0 मकबूल का रिहायशी छप्पर व शौचालय ढहा दिया जबकि उक्त मामला न्यायालय में लम्बित है। कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के बाद भी बिना किसी आदेश के बिना किसी राजस्व टीम के पुलिस ने जमकर तांडव किया। दो महिला सहित पूरे परिवार को हिरासत में ले लिया। महिलाएं चीखती रहीं मगर पुलिस तांडव करती रही। एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार भू-माफियाओं पर नकेल लगाने में जुटी है। किसी तरह के अवैध कब्जे को तत्काल बुलडोजर की कार्यवाही करके अवैध कब्जा मुक्त करवा रही है। ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है लेकिन शाहगंज पुलिस सरकार की मंशा के विपरीत काम कर रही है। भू—माफियाओं को दूसरे थाना क्षेत्र में जाकर संरक्षण दे रही है तथा माफ़ियाओं से मिलकर कब्जा करवा कर गरीबों को बेघर कर रही है। बता दें कि सोमवार को कस्बा खेतासराय में साप्ताहिक बन्दी का दिन होता है। बन्दी के दिन प्लान करके अवैध कब्जा करने का निर्णय लिया गया। मामला थाना खेतासराय का मगर कोतवाली शाहगंज ने दूसरे थाने के अन्दर बिना खेतासराय पुलिस के पूरी घटना को अंजाम दिया। यह लोगों के गले नही उतर रही है। मामले की अगुवाई कर रहे उपनिरीक्षक शाहगंज मंशा राम गुप्ता ने इस सम्बन्ध में बताया कि पुलिस अधीक्षक द्वारा यह जांच शाहगंज कोतवाली की दी गयी है। उसी आदेशानुसार शाहगंज पुलिस मामले की अगुवाई कर रही है। वहीं इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर प्रभारी निरीक्षक शाहगंज रोहित मिश्रा ने बताया कि संयुक्त प्रार्थना पत्र भूमि स्वामी द्वारा दिया गया था। उसी की जांच करने शाहगंज पुलिस गयी थी। विवाद होने के कारण दोनों पक्ष को थाने लाया गया है। समझा—बुझाकर छोड़ दिया जाएगा।

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