रिपोर्ट पदमाकर पाठक


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में है नेता सुभाष चंद बोस के गुण : डाॅ० राजेन्द्र प्रसाद
अखिल भारतीय चित्रांश महासभा ने मनाई सुभाष चंद बोस की जयंती


आजमगढ़। माॅ भारती के वीर सपूत महान देशभक्त भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेता सुभाषचन्द बोस के जयंती पर किया नमन। अखिल भारतीय चित्रांश महासभा आजमगढ के तत्वावधान मे मंगलवार को चंडेसर स्थित बयाशी गांव में संस्था संरक्षक विजय प्रकाश श्रीवास्तव के आवास पर नेता सुभाषचंद्र वोस एवं भगवान चित्रगुप्त महाराज के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए दीप प्रज्वलित कर स्तुति पाठ व राष्ट्रगान किया गया।

पश्चात नेता सुभाषचंद्र वोस के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत चर्चा करते हुए मुख्य वक्ता डाॅ० राजेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव का कहना था की नेता जी सेना के संस्थापक थे और आज के वर्तमान समय में देश के प्रधानमंत्री के अन्दर वही गुण है जो नेता जी के अन्दर था। नेता जी ने कहा था कि हमारे देश को एक सच्चे सेवक व देश भक्त की आवश्यकता है जो सीमा पर तैनात सैनिको व किसानो का भर पूर तन मन धन से भाई चारे का संबंध स्थापित करते हुए नेतृत्व कर सके। इसी मे राष्ट्र का विकास सम्भव है। भानुप्रताप का कहना था कि नेता जी सनातन संस्कृति संस्कार व अध्यात्म को विश्व पटल पर मजबूती के साथ रखा। जिससे सशक्त संस्कृति, संस्कार के द्वारा मजबूत समाज व राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। संस्था उपाध्यक्ष अशोक कुमार श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन मे कहा की आर्दश, अनुशासित समाज के निर्माण में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षित समाज ही सशक्त व संस्कारित समाज का निर्माण कर सकता है। संस्था अध्यक्ष सुभाषचन्द ने बताया कि नेता जी का जन्म उड़ीसा के कटक में हुआ था। विजय प्रकाश संरक्षक बताए कि पिछले वर्ष आपके जन्म दिवस के अवसर पर भारत सरकार द्वारा पराक्रम दिवस के रूप में घोषणा किया गया था। शीतल प्रसाद ने कहा की नेता जी का मुख्य नारा था कि तुम हमे खून दो हम तुम्हे आजादी देगे। नागेन्द्र लाल बताया कि आजाद हिंद फौज का गठन नेता जी सुभाषचंद्र वोस द्वारा किया गया था। दिनेश चन्द वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था की नेता जी कुल 14 भाई व बहन थे जिसमें नेता जी 9 वीं संतान थे और बेटो में 5 वें नम्बर पर थे।सुबाषचन्द श्रीवास्तव आडिटर अपने सम्बोधन में कहा कि नेता जी कुल 11 बार जेल गये थे।
    
इस दौरान शीतल प्रसाद नागेंद्र लाल श्रीवास्तव, सुरेंद्र लाल शिक्षक, जे.पी. श्रीवास्तव, डा० दुर्गेश चन्द, अमित सिन्हा, सुभाषचन्द बारा, राजेश कुमार, अशोक कुमार सिन्हा, बृजेश कुमार, नितिश कुमार, कुंदन वर्मा, प्रहलाद राय, रामदास मौर्या आदि रहे।

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