रिपोर्ट लालचंद प्रजापति
प्रयागराज जिला न्यायालय परिसर में डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी का परिनिर्वाण पर नमन एवं श्रद्धांजलि अर्पित की गई 6 दिसंबर 1956 को बाबा साहब अपने करोड़ो अन्यायों को विषम परिस्थितियों में रोता हुआ छोड़कर परीनिर्माण को प्राप्त हो गए लोगों ने उनके बारे में जीवन की तरह विचार भी नश्वर है यदि विचारों का प्रचार प्रसार नहीं होगा राष्ट्रनायक पहुंचने के मुक्तिदाता परम पूज्य डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केवल ज्ञान के प्रतीक ही नहीं बल्कि वह भारतीय सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक आंदोलन के ऐसे पुरोधा थे जिनका संपूर्ण जीवन दर्शन भारत को एक राष्ट्र बनाने हेतु समर्पित रहा यदि स्वतंत्रता प्राप्त के पश्चात भारतवर्ष के विकास में बाबा साहब के योगदान की समीक्षा की जाए तो मुझे नहीं लगता है कि कोई भी क्षेत्र ऐसा होगा जहां बाबा साहब की दृष्टि ना गई हो बाबा साहब ने गुलामी और दस्तक का पुरजोर विरोध किया था हम सब विश्व रत्न के बताए गए मार्ग पर चलने हेतु संकल्प ले और उनके विचारों को सदैव ग्रहण करें इस मौके पर अधिवक्ता गण मौजूद रहे भास्कर पासवान लाला राम सरोज, राजरूप सिंह पटेल आदित्य शर्मा, पवन पटेल आदि अधिवक्तागण बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की
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