प्रयागराज। संगम की रेती शनिवार की रात भक्ति और श्रृद्धा से सरोबार रही। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित गंगा संस्कृति यात्रा के तहत प्रसिद्ध भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा ने भजनों से ऐसा समां बांधा कि बजरंगबली के जयकारों से सारा वातावरण गुंजायमान हो उठा। तालियों की गडगड़ाहट के बीच मंच पर पहुंचे लखबीर सिंह लक्खा ने शिव वंदना के साथ भजन संध्या की शुरूआत की। उन्होंने “पार ना लगोगे श्रीराम के बिना, राम ना मिलेगे हनुमान के बिना। इसे सुनकर श्रोता झूम उठे। “श्री राम जानकी बैठे हैं, लाल लंगोटा, लाल सिंदूरी बदन पे साजे है।भजन की प्रस्तुति ने श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी नरेश गिरी महाराज एवं स्वामी राजेन्द्र पुरी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम का आगाज कविता निगम ने सत्यम शिवम सुन्दरम, हे शम्भू बाबा मेरे भोलेनाथ भजन की प्रस्तुति से की। इसके बाद उन्होंने मेरा दिल तो दीवाना हो गया पर खूब तालियां बटोरी।
     जमकर झूमे श्रोता

 लक्खा के सुरों का जादू और उनके मुख बिंदु से बजरंग बली की महिमा का गान सुनने के लिए शाम छह बजे से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई। श्याम के बिना तुम आधी तुम्हारे बिना श्याम आधे। मैं श्याम की दीवानी हूं, श्याम के सिवाय न कोई तीनों लोक में कोई न ऐसा जो तेरे सामने टिक पाता। संगत के साथ सुरों के मिलन पर इसका लुफ्त ले रहे हजारों दर्शक और श्रोता झूम उठे। श्रोताओं के उत्साह को देखते हुए लखबीर सिंह लक्खा ने एक के बाद एक सुपरहिट भजन गाये जिन पर श्रोता देर रात तक झूमते रहे।
संगत कलाकारों में शुभेन्द्रु सिंह, शाहिद, धीरेन्द्र, मनोज भट्ट, दुर्गेश कुमान आदि ने साथ दिया। इस अवसर पर केंद्र के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरषार्थी ने किया।
 रिपोर्ट-अमरीश  द्विवेदी प्रयागराज 

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