मंगलवार को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृति केंद्र, प्रयागराज की ओर से आयोजित 15 दिवसीय शिल्पकला, चित्रकला, कथक एवं लोकनृत्य की ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का समापन को सांस्कृतिक केंद्र परिसर में किया गया। इस कार्यशाला में बच्चों के हुनर को फलक पर पहुचाने का प्रयास एनसीजेडसीसी के द्वारा किया गया। समापन समारोह का उद्घाटन विशिष्ट अतिथि लोकेश शुक्ल, निदेशक आकाशवाणी के द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि ने कला विथिका में बच्चों द्वारा लगाई गई मूर्तिकला एवं चित्रकला प्रर्दशनी की सराहना की। केंद्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने स्वगत उद्बोधन कहा कि इस तरह की कार्यशाला बच्चों में रचनात्मकता, सकारात्मकता को बढावा देता है और बच्चों को अपनी प्रतिभा विकसित करने और अपने सपनों को आगे बढाने के लिए प्रोत्साहित करता साथ ही व्यक्तित्व का विकास होता है। प्रो. सुरेश शर्मा ने कहा कि इस ग्रीष्मकालीन कार्यशाला में लोकनृत्य, चित्रकला, और शिल्प जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसने न केवल बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के अनुभव को बढाया बल्कि बौधिक क्षमताओं को भी मजबूत किया। समापन समारोह में बच्चों के द्वारा मेरा दामण सिला दे रे व मत छेड बलम गीत पर हरियाणवी लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति से समा बांध दिया। इसी क्रम में कथक नृत्य की भी प्रस्तुति दी गई तथा गुजराती डांडिया व गरबा नृत्य पर तालियों की गडगडाहट से पूरा आडोटेरियम गूंज उठा। वही प्रतिभागियों ने कलाविधिका में अंबरीश मिश्रा के निर्देशन में बच्चों के द्वारा चित्रकला की प्रर्दशनी भी लगाई।
कार्यक्रम के अंत में केंद्र निदेशक एवं विशिष्ट अतिथि ने लोकनृत्य, चित्रकला, शिल्पकला, कथक विधाओं में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन शरद मिश्रा ने किया। इस अवसर पर काफी संख्या में दर्शक व केंद्र के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
अम्बरीष द्विवेदी
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