✍️शिव कुमार प्रजापति
शाहगंज जौनपुरद (उत्तर शक्ति) नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। ऐसे में सभी उम्मीदवार अपना एड़ी-चोटी का जोर लगाकर मैदान में कूद पड़े हैं। कुछ प्रत्याशी शाहगंज विधानसभा से बाहर से या निकाय चुनाव क्षेत्र के बाहर से जनसंख्या एकत्रित कर मतदाताओं के बीच अपना परचम फहराने में जुटे हुए हैं। हम बात कर रहे हैं नगर निकाय चुनाव शाहगंज की, जहां कुल 9 प्रत्याशी मैदान में हैं। सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह जारी कर दिया गया है। कुछ ही दिन शेष है। ऐसे में नगर निकाय शाहगंज चुनाव को दो पार्टियों के बीच ही प्रमुख टक्कर माना जा रहा है। बाकी प्रत्याशी जीत हार के प्रतिशत में अंतर जरूर पैदा कर सकते हैं। भाजपा की पारिवारिक सीट से अधिकृत प्रत्याशी पूर्व चेयरमैन ओमप्रकाश जयसवाल की भयोहूं गीता जयसवाल मैदान में हैं। वहीं सपा से पूर्व चेयरमैन जितेंद्र सिंह की बहू रचना सिंह मैदान में है। शाहगंज निकाय चुनाव क्षेत्र अंतर्गत दबी जुबान से मतदाताओं का कहना है कि बगैर परिवर्तन के विकास संभव नहीं है। इस बार परिवर्तन होकर रहेगा, माना जाता है कि इसकी प्रमुख वजह यह है की पिछले कार्यकाल में निवर्तमान भाजपा चेयरमैन गीता प्रदीप जयसवाल के समय में शाहगंज नगर में सड़क, नाली, स्वच्छता, जलकल विभाग का पानी, इन प्रमुख नगर पालिका के कार्य क्षेत्र में भी फिसड्डी ही साबित हुआ है। ऐसे में शाहगंज नगर निकाय क्षेत्र की मतदाता की हवा, परिवर्तित नजर आने की संभावना है। परंतु चुनाव मतदाता के मत विवेक के अधिकार क्षेत्र में होता है। अब देखने वाली बात होगी कि शाहगंज की अधिकृत प्रत्याशी क्या विधायक के कार्यकाल के गुणगान कर वोट पाने में सफलता हासिल कर सकती हैं अधिकृत प्रत्याशी के नुक्कड़ सभा का अर्थ निकाला जाए तो यह आकलन करने में मतदाताओं को जरा सी चूक नहीं हो रही है कि चुनाव निकाय है या विधानसभा या फिर सोशल मीडिया पर सर्वश्रेष्ठ साबित करके, ऐसे में शाहगंज नगर के मतदाता विकास की उम्मीद लिए मतदान करने के मूड में है।
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