अपनो को अपने अति निकट लाने का विनम्र प्रयास है अलंकरण समारोह - प्रो ० के बी पाण्डेय
साहित्यकारों का सम्मान राष्ट्र का सम्मान है - डा० अंशुल
" साहित्यकारों का अभिनंदन अलंकरण समारोह अपनों को अपने अति निकट लाने का एक सार्थक और विनम्र प्रयास है जो साहित्यिक संस्थाओं द्वारा निरन्तर होता रहता है | इस तरह के सत् प्रयासों की सदैव सराहना की जानी चाहिए | "
उपरोक्त उद्गार लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष एवं ग्रामोदय विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो० के बी पाण्डेय ने उस समय ब्यक्त किये जब वह दारागंज स्थित श्री वेणी माधव मंदिर में साहित्यकार अभिनंदन अलंकरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे | डॉक्टर पांडेय ने कहा कि इस तरह के सारस्वत आयोजन में सबको निर्लिप्त भाव से अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए और ऐसे आयोजनों की नितांत आवश्यकता इसलिए भी है कि एक ऐसा अवसर मिलता है जब अपने अपनों के बीच होते हैं |
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉक्टर शंभुनाथ त्रिपाठी अंशुल ने कहा कि साहित्यकारों का सम्मान राष्ट्र का सम्मान है | मैं इस आयोजन की भूरि- भूरि प्रशंसा करता हूं और आयोजन के लिए संस्थाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूंँ, साथ ही सम्मानित साहित्यकारों को भी हमारी अनंत मंगलकामनाएं हैं | विशिष्ट अतिथि डॉ बालकृष्ण पांडेय एवं डॉ कृष्णमणि चतुर्वेदी मैत्रेय तथा श्री मुनेश्वर मिश्र जी ने आयोजन को अपने सारगर्भित उद्बोधन से गौरवान्वित किया तथा आए हुए अनेक जनपदों के सम्मानित साहित्यकारों को साधुवाद दिया | समारोह का संचालन डॉ राजेंद्र शुक्ल ने किया स्वागत उद्बोधन डॉ वीरेंद्र सिंह कुसुमाकर ने किया | इस अवसर पर
डॉ जयप्रकाश तिवारी ,लखनऊ को विद्यावाचस्पति , जय प्रकाश शर्मा प्रकाश प्रयागराज को साहित्य वाचस्पति सम्मान दिया गया | इसके साथ साथ
सर्वेश कांत वर्मा सरल सुलतानपुर ,देवेंद्र कुमार मिश्र जबलपुर ,अनिल कुमार वर्मा मधुर सुलतानपुर , रामनाथ साहू ननकी सक्ती छ ग , माधुरी डड़सेना मुदिता धमतरी छ ग को भी विद्या वाचस्पति सम्मान से विभूषित किया गया |
रामायण मेला समिति प्रयागराज , अवध साहित्य अकादमी , साहित्यांजलि प्रभा , तारिका विचार मंच प्रयाग एवं पवन प्रभात साहित्य मंच के संयुक्त तत्वावधान में इकतीस साहित्यकार सम्मानित किये गए |
इस अवसर पर डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय के सद्यः प्रकाशित बाल कविता संग्रह *परी और पीहू* तथा डॉ गीता पांडेय अपराजिता के दोहा संग्रह *दोहा कलश* का लोकार्पण भी किया गया और लखनऊ से डॉ अखिलेश कुमार श्रीवास्तव के सम्पादन में प्रकाशित पत्रिका सचिवालय दर्पण के नये अंक का विमोचन हुआ | समारोह में पंडित शीलधर मिश्र , श्री मती रंजना मिश्रा , फतेह बहादुर सिंह ऋषिराज , भोला नाथ त्रिपाठी , पवनेश कुमार पवन , राजेंद्र पांडेय , कृष्ण कुमार गिरि , अमित कुमार शर्मा बरौत , राजेश यादव , डॉ राम लखन चौरसिया , पंकज गुप्ता, विकास केलकर
, विद्या कांत मिश्र , उमेश श्रीवास्तव , राजेश सिंह राज , राधा शुक्ला ,डॉ पियूष मिश्र ,डॉ रामाश्रय तिवारी , प्रदीप सिंह ,जितेंद्र कुमार वर्मा , डॉ विवेक सुमन , लालचंद प्रजापति ,डॉक्टर बृजेश कुमार शंखधर , डॉ मधु शंखधर , डॉक्टर रसिक किशोर सिंह नीरज , श्रीमती अन्नपूर्णा मालवीय , पंडित मोनू मिश्रा आदि सहित अनेक साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही |
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