खिरिया बाग आंदोलन के समर्थन में लोकनृत्य जांघिया, क्रांतिकारी लोकगीतों का हुआ प्रदर्शन
मेरी बेटियां-माएं इस कड़कड़ाती ठंड शीतलहरी कोहरे के बीच धरने पर बैठी हैं तो खुद को रोक नहीं पाया- राजकुमार भारत, किसान नेता
खिरिया की बाग जमीन-मकान बचाओ संघर्ष के अट्ठासी वें दिन भारत परिषद की सांस्कृतिक टीम ने जांघिया और क्रांतिकारी लोकगीतों के माध्यम से किसानों-मजदूरों के धरने का समर्थन किया. हरियाणा-पंजाब से दिल्ली के किसान आंदोलन में शामिल किसान नेता राजकुमार भारत धरने के समर्थन में पहुंचे खिरिया बाग.
किसान जागृति संगठन के अध्यक्ष दिल्ली किसान आंदोलन में शामिल हरियाणा-पंजाब के किसान नेता राजकुमार भारत ने कहा कि खिरिया बाग किसान-मजदूर आंदोलन की गूंज हरियाणा-पंजाब तक है. जब देखा कि मेरी बेटियां-माएं इस कड़कड़ाती ठंड शीतलहरी कोहरे के बीच धरने पर बैठी हैं तो खुद को रोक नहीं पाया. आज़मगढ़ में चल रहे एयरपोर्ट के नाम पर जमीन नहीं देने के खिरिया बाग आंदोलन ने पूरे देश को संदेश दिया है कि अगर जमीन दे देंगे तो खेती-किसानी को खत्म हो जाएगी. दुनिया में कृषि-पर्यावरण संकट खड़ा हो जाएगा. इस आंदोलन के साथ पूरा देश खड़ा है आप डटे रहें आपकी एक इंच जमीन नहीं जाएगी.
भारत परिषद के प्रदेश महासचिव बेचू यादव ने कहा कि गरीबों की जमीन जिस तरह एयरपोर्ट के नाम पर छीनी जा रही ठीक उसी तरह सदियों से जमीन लूटी गई. लोकसंस्कृति ने हर दौर में लड़ा हैं और आज भी लड़ेंगे. हम गांव-गांव जाकर खिरिया बाग आंदोलन के समर्थन में अलख जगायेंगे. भारत परिषद की सांस्कृतिक टीम के शिवचरन चौहान, फिरोज अहमद, लेढ़ा राम, मंगरू यादव, महेंद्र राम, शंकर विश्वकर्मा, खोखमल सोनकर ने जांघिया और क्रांतिकारी लोकगीतों को प्रस्ततु किया. खोखमल सोनकर और नन्दू यादव ने जांघिया नृत्य के बेहतरीन प्रस्तुति की.
वक्ताओं ने कहा कि खिरिया की बाग में चल रहे किसानों-मजदूरों के संघर्ष में देश के कोने-कोने से लोग शामिल हो रहे हैं. जनता के संघर्षों से जुड़ी सांस्कृतिक टोलियां गांव-गांव जाकर इस लड़ाई को मजबूती दे रही हैं.
अट्ठासी वें दिन धरने को रामनयन यादव, किसान नेता राजीव यादव, वीरेंद्र यादव, मुराली, विनोद यादव, अवधमहेंद्र राय, प्रेमचन्द ने संबोधित किया. संचालन राधेश्याम और अध्यक्षता महेंद्र राय ने की
आजमगढ़ से पदमाकर पाठक की ख़ास रिपोर्ट
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