महुआ टीवी के सुर संग्राम और जिला टॉप कार्यक्रम में अपनी गायकी का जलवा बिखेरने वाली झारखण्ड की सुश्री चंदन तिवारी ने मंगलवार को एनसीजेडसीसी कें मुक्ताकाशी मंच पर अपने मधुर प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। युवा बिस्मिल्लाह खा पुरस्कार से सम्मानित चंदन तिवारी को हर कोई सुनने को आतुर दिखाई दे रहा था। जब उन्होंने सुरों की ताल छोड़ी तो सर्द रात में भी महौल गर्म हो गया। उन्होंने लोकगीत गंगा जमुनवा के निर्मल पानी, ई पार गंगा ऊ पार जमुना बीच में निर्मल धार की बाह- बाह जी, गंगा जी से मटिया मंगवले बानी के साथ ही बारहमासा सोहर, कजरी ‘‘ अरे रामा बनले मरद से नारी‘‘ सहित दर्शकों की मांग पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर तालियों की गड़गड़ाहट से वाहवाही लूटी। कार्यक्रम की शुरूआत छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध गायन पंडवानी से होती ह,ै जैसे ही शान्ती बाई चेलक का तंबूरे के साथ मंच पर आगमन होता है वैसे ही श्रोता खड़े होकर उनका तालियों से स्वागत करते हैं, उन्होंने अपने गायन  के माध्यम से महाभारत में द्रौपदी चीरहरण प्रस्तुति दी। इसके बाद छत्तीसगढ़ का पंथी, सिक्किम का घाण्टू महाराष्ट्रª का लावणी एवं रांची से पधारे श्रृष्टिधर महतो का छऊ लोकनृत्य पेश कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन शरद मिश्रा ने किया।
कच्ची घोड़ी है लोगों का आकर्षण -
एनसीजेडसीसी का शिल्प हाट दूधिया रौशनी में नहाया हुआ है जनमानस की भीड़ ने इस मेले को और खास बना दिया है कोई खरीददारी कर रहा है तो कोई स्वादिष्ट लजीज व्यंजनों का आनंद ले रहा है। इस मेले को एक मिनी भारत के रूप में देख सकते हैं जहां पर चहुंओर के शिल्पकारों के साथ कलाकारों का संगम देख सकते हैं। भपंग वादन के साथ जब कच्ची घोड़ी का नृत्य होता है तो हर कोई उनके साथ सेल्फी लेने को आतुर दिखाई दे रहा है।
                                 
                                                                  

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