गहमर थाना क्षेत्र के अंतर्गत सायर रासेनपुर गांव के पास कई हरे आम के पेड़ खुलेआम काटे जा रहे थे लेकिन इस पर नजर ना स्थानीय पुलिस की पड़ी और ना ही वन विभाग की। जबकि हर वर्ष सरकार पर्यवरण एवं हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण का अभियान चलाती है। एक ओर जहा पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं तो वही चंद रुपयों की लालच में वन माफियाओ द्वारा हरे पेड़ो की कटाई की जा रही है।
वर्तमान में तहसील क्षेत्र में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। सबसे खास तो ये है कि कस्बे सहित क्षेत्र में अवैध रूप से चलने वाली आरा मशीन संख्या बहुत ज्यादा हैं। जिनमें से कुछ का ही पंजीयन है। पेड़ काटने वालों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होने के कारण इस पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। वन माफियाओं पर रोकथाम नहीं होने के कारण जहां चारों ओर कभी घने पेड़ नजर आते, आज दूर तक क्षेत्र वीरान नजर आता है। रायसेनपुर में हो रही पेड़ कटाई की जानकारी जब वन दरोगा सुरेंद्र को दी गई तो उन्होंने इससे अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कारवाई की बात कही। बाद में उनके द्वारा कटाई हो रही जगह पर जाकर निरीक्षण किया गया तो टीम को देख मजदूर अपना हथियार छोड़ कर भाग गए। वनविभाग द्वारा उनके हथियार को जब्त कर लिया गया। इस संबंध में वन दरोगा सुरेंद्र ने बताया मजदूरों के हथियार जब्त कर लिए गए है पता लगा कर दोषियों पर कारवाई की जाएगी।
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