बच्चों के शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए परिवार का व्यवहार परिवर्तन बेहद जरूरी

पांच साल सात बार, छूटे ना टीका एक भी बार 

आजमगढ़। नियमित टीकाकरण के मुद्दे पर शास्त्री सभागार, विकास भवन में जनपद स्तरीय एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम हुआ। यह आयोजन स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान व यूनिसेफ की मदद से मंगलवार को सम्पन्न हुआ। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने बताया कि शिशुओं को जीवित रहने के लिए टीकाकरण जरूरी है। नियमित टीकाकरण को छोड़ने से नवजात के जीवन पर जानलेवा प्रभाव पड़ सकता है। शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने बताया कि दो दशकों में देश ने स्वास्थ्य सूचकों, खास कर शिशु स्वास्थ्य से संबंधित सूचकों में सुधार करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति किया है। इस क्रम में भारत को सन 2014 में पोलियो मुक्त और सन 2015 में मातृत्व व नवजात टिटनेस उन्मूभलन का सर्टिफिकेट भी मिला है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि बच्चों के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन और सुदृढ़ीकरण की बेहद आवश्यकता है। समुदाय में ऐसे कई परिवार हैं जो जागरूकता और जानकारी के अभाव से अपने बच्चों का टीकाकरण नहीं करा रहे हैं या आंशिक रूप से करवा रहे हैं। जिससे कुछ बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं और उन्हें कुपोषण का शिकार होना पड़ता है। ऐसे ही उदासीन परिवारों को स्वास्थ्य विभाग की ब्लॉक रिस्पांस टीम (बीआरटी) जागरूक व प्रेरित करेंगी और किसी कारण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण भी पूरा कराएंगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारियों सहित एचईओए बीपीएम और बीसीपीएम को निर्देशित किया कि किसी भी बच्चे का किसी भी उम्र का टीका छूटना नहीं चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि आशा कार्यकर्ता समय से ड्यू लिस्ट तैयार करने के लिए निर्देशित करें और कड़ाई से इसका पालन हो। उपस्थित सभी लोगों को टीकाकरण के लिए उदासीन परिवारों का व्यवहार परिवर्तन के बारे में विस्तार से बताया और पांच साल सात बार, छूटे ना टीका एक भी बार को भी फोकस किया। प्रशिक्षण में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई प्रसाद, यूनिसेफ से डीएमसी प्रवेश मिश्रा और गुफरान, डबल्यूएचओ के एसएमओ डॉ पदम् जैन, यूएनडीपी की वीसीसीएम पूनम शुक्ला 100 बेड अस्पताल अतरौलिया और तरवां के अधीक्षक, समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारियों एवं ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों से स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों, एचईओ, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक, बीपीएम, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक और बीसीपीएम सहित कुल 96 लोग उपस्थित थे।

रिपोर्ट पदमाकर पाठक

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