आजमगढ़। प्रत्येक वर्ष 14 नवम्बर को “विश्व मधुमेह दिवस” सर फ्रेडरिक बेंटिंग की जन्म तिथि पर मनाया जाता है। इस क्रम में विश्व मधुमेह दिवस मंडलीय जिला चिकित्सालय में मनाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आई एन तिवारी ने बताया कि विश्व में 90 फीसदी डायबिटीज के मरीजों को टाइप-2 डायबिटीज है। इतनी तेजी से मधुमेह के बढ़ते केस व्यक्ति की समय से पहले मृत्यु का कारण बन सकते हैं, इसलिए इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना बहुत ज़रूरी है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ ए अज़ीज़ बताया कि विश्व मधुमेह दिवस की इस वर्ष की थीम “एक्सेस टू डायबिटीज एजुकेशन” है। मधुमेह एक तरह का मेटाबोलिक डिसऑर्डर होता है, इस बीमारी के बारे में स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही है। इसलिए पोषणयुक्त खाना और खाने में बदलाव कर और नियमित रूप से व्यायाम करके व्यक्ति अपने आप को इस बीमारी के खतरे से बाहर ला सकता है। मंडलीय जिला चिकित्सालय के फिजीशियन डॉ अतुल कुमार श्रीवास्तव एवं एनसीडी क्लीनिक के फिजीशियन डॉ वीपी सिंह ने बताया कि मधुमेह दिवस को मनाना, इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ज़रूरी है, जिससे सब लोगों को इसके लक्षणों और कब से उपचार करवाना शुरू करना है, इस बारे में पता चल सके। कार्यक्रम में बताया गया कि लोगों को मधुमेह से लड़ने के लिए हेल्थ केयर सुविधा है या नहीं, इस बारे में भी जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि मधुमेह रोग की रोकथाम निम्न गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके किया जा सकता है -
1-मधुमेह रोग के सम्बन्ध में जागरूकता
2- जीवन शैली में परिवर्तन
3- नियमित जांच एवं उपचार 
4- व्यायाम करना 

कार्यक्रम में प्रभारी एसआईसी डॉ राम केवल, फिजीशियन डॉ अतुल श्रीवास्तव, अन्धता निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ उमा शरण पाण्डेय, एनसीडी सेल से दिलीप मौर्या, स्टाफ नर्स तथा चिकित्सालय के कर्मचारियों सहित कुल 42 लोग उपस्थित थे।

रिपोर्ट पदमाकर पाठक


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