पिछले तीन महीनों में 31 बच्चे हुए सुपोषित

केंद्र में सभी चिकित्सीय सुविधाएं एवं खान-पान मुफ्त 
आजमगढ़। जनपद में 1 नवम्बर से पोषण पुनर्वास केंद्र का संचालन मंडलीय जिला चिकित्सालय से हो रहा है। यह पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। पिछले तीन महीनों में पोषण पुनर्वास केंद्र ने 31 बच्चों को सुपोषित किया है। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य कुपोषित और अति-कुपोषित बच्चों को सुपोषित करना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने बताया कि पिछले तीन महीनों में 31 बच्चों को नई जिंदगी दी जा चुकी है। एक बच्चे को रेफर किया गया है। तथा दो बच्चे डिफाल्टर हैं। इस क्रम में अगस्त माह में 16, सितम्बर माह में 11 तथा अक्टूबर माह में सात बच्चों को केंद्र में भर्ती किया गया था।राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई प्रसाद ने बताया कि मंडलीय जिला चिकित्सालय में पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना 14 मई 2015 को हुई थी। तब से यह केंद्र अनवरत अपनी सेवाएं दे रहा है। इस केंद्र में वर्तमान में एक बच्चा भर्ती है। कुपोषित बच्चों को पहचान कर आरबीएसके की टीम आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से एनआरसी में भर्ती कराते हैं।
एनआरसी के मेडिकल ऑफिसर एवं इंचार्ज डॉ कासिफ ने बताया कि इस केंद्र में आरबीएसके टीम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिए कुपोषित व अति-कुपोषित बच्चों को लाया जाता है। कुछ बच्चे ओपीडी के माध्यम से भी भर्ती होते हैं। इन सभी का बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ की देखरेख में समुचित इलाज किया जाता है। पोषण पुनर्वास केंद्र एक ऐसी सुविधा है जहां छह माह से 5 वर्ष तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे जिनमें चिकित्सकीय जटिलताएं होती हैं, को चिकित्सकीय सुविधाएं मुफ्त में प्रदान कर स्वस्थ किया जाता है। इसके अलावा बच्चों की माताओं को बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक देखभाल तथा खान-पान संबंधित कौशल का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। 
डाइटीशियन ऋचा सिंह ने बताया कि यहां पर पहले बच्चों का एपेटाइट टेस्ट (भूख की जांच) की जाती है, फिर वार्ड में भर्ती किया जाता है। इस वार्ड में कुपोषित बच्चों को कम से कम 14 दिन या अधिकतम 21 दिन तक भर्ती करके उपचार किया जाता है। उनके खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाता है। दूध से बने आहार, खिचड़ी, एफ-75 व एफ-100 यानी प्रारम्भिक दूध आहार, दलिया, हलवा, आयरन, विटामिन-ए, जिंक, मल्टी विटामिन और दवाइयां आदि दी जाती हैं। पल्हनी ब्लाक अंतर्गत पटखौली गाँव निवासी 11 माह के प्रणव की माँ लतिका ने बताया कि मैं जिला अस्पताल में दिखाने आयी थी, डाक्टर ने देखा और पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती करने की सलाह दी, घर में बात कर मैंने प्रणव को 28 अक्टूबर को भर्ती करा दिया, उस समय इसका वजन 4.595 किलो था, चार दिन बाद आज इसका वजन 4.795 किलो हो गया है, मुझे ख़ुशी है कि आने वाले दिनों में बच्चा स्वस्थ हो जायेगा। हरैया ब्लाक अंतर्गत अराजी नवबहवा निवासी 2 वर्ष 3 माह की श्रीना की माँ रीना ने बताया कि काफी कमजोर होने के कारण इसे 20 अक्टूबर को केंद्र में भर्ती कराया था, उस समय इसका वजन 6.670 किलो था, 30 तारीख को इसका वजन 7.395 किलो हो गया था, अब श्रीना बिलकुल ठीक है, सभी सुविधा निःशुल्क मिली है।

रिपोर्ट पदमाकर पाठक

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