दीपावली से पहले उपहारों की बछौर के बीच उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र का शिल्प हाट भी जगमगा रहा है। कहीं मिट्टी के खिलौने का आकर्षण है तो कहीं सिल्क साड़ियों का। इस बार ग्राहकों का उत्साह दीपावली शिल्प मेले को भी रोशन कर रहा है। केंद्र द्वारा आयोजित दीपावली शिल्प मेला का अंतिम दिन होने के कारण लोग दोपहर से जमकर खरीददारी कर रहे हैं और एक दूसरे को धनतेरस की बधांइयां भी दे रहे हैं। सजाने के सामान से लेकर घरों में प्रयोग की जाने वाली सभी चीजों की खरीददारी के लिए शिल्प मेला में प्रयागवासियों ने जमकर लाभ उठाया। धनतेरस होने के कारण मेले में भीड़ काफी रही। दीपावली-महादेवी लक्ष्मी की पूजा तथा ज्योति का पांच दिवसीय पावन पर्व शनिवार से मनाया जाएगा। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ लोेकगीत गायक जंगबली यादव एवं उनके सहयोगियों ने देवी सरस्वती वंदना से की। इसके बाद श्री राम चंद्र के अयोध्या आगमन पर गीत प्रस्तुत किया। उन्होंने बैरगिया गीत ‘‘ भाई-भाई का बंटवारा को गाकर श्रोतओं को भावविभोर कर दिया। 
कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में मुक्ति शर्मा एवं सहयोगियों के द्वारा सुगम संगीत पेश किया गया जिसकी शुरुवात उन्होंने गणेश वंदना ‘‘ गाइए गणपति जगवंदन से किया। उसके बाद ऐसे राम दरस रस बरसे प्रस्तुत किया। तबला पर आशुतोश गुप्ता, ढोलक पर हंसराज एवं सिनथाइजर पर वेंकेटेश मिश्रा रहे। मानसी श्रीवास्तव ने भरतनाट्यम प्रस्तुक कर वहां पर बैठे लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। अपने कथक नृत्य से राष्टीªय एवं अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुकी  त्रिशूल ग्रुप की कथक नृत्यांगना प्रियंका यादव एवं ऋचा पाण्डेय का मंच पर जैसे ही आगमन होता है लोग तालियां बजा कर उनका स्वागत करते हैं इनकी प्रस्तुति आदि शंकराचार्य द्वारा रचित निर्वाण षटकम् से किया जो दर्शकों को खूब भाया।
कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति कव्वाली गायक रफी आजाद ने ‘‘ छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके से किया। उन्होंने कभी दोस्त बनकर देखों इस इस दुश्मनी में क्या है‘‘ को श्रोतओं ने खूब सराहा। उसके बाद तिरंगा गीत गाया।
रंगारंग कार्यक्रम से दीपावली शिल्प मेला का हुआ समापन- 9 अक्टूबर से चलने वाला 14 दिवसीय दीपावली शिल्प मेला आज रंगारंग कार्यक्रम के साथ समाप्त हो गया। इस मौके पर केंद्र के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरुषार्थी ने किया।

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