प्राथमिक विद्यालय मौना में अनियमितताओं का अंबार
कैंपस रूम में शराब की बोतलें एवं मिड डे मील की उड़ रही धज्जियां
आजमगढ़ ।उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए निरंतर नए नए नियमों को लांच कर रही है। परंतु उत्तर प्रदेश जनपद आजमगढ़ के विद्यालय में इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। प्राथमिक विद्यालय मौना द्वीतीय जनपद आजमगढ़ में पत्रकारों की टीम अचानक सच्चाई परखने के लिए पहुंच गई ।जहां पर देखा कि बच्चे विद्यालय के बाहर विद्यालय के समय में मेला लगाए हुए थे। और अध्यापक अंदर। जब पत्रकारों ने अंदर अपना कदम रखा तो देखा अंदर अनियमितताओं का अंबार देखने को मिला। प्राथमिक विद्यालय मौना द्वितीय आजमगढ़ विद्यालय के अंदर पानी एवं गंदगी का अंबार इस कदर था। कि पैदल चलना भी मुसीबत नजर आ रहा था। विद्यालय में शौचालय में लंबे समय से ताला लटका हुआ है। छात्रों ने बताया कि यहां हरदम ताला लगा रहता है। शौचालय में दिव्यांग शौचालय में दरवाजा ही गायब था। पत्रकारों के कैमरा की नजर पड़ते ही शौचालय का ताला खुल गया ।जब अंदर निरीक्षण किया गया तो शौचालय के अंदर गंदगी का अंबार था। और छोटे-छोटे पीपल के पेड़ शौचालय में उगे थे।मिड डे मील का भोजन सोमवार दोपहर 1:00 बजे मात्र बच्चों को सब्जी खाते देखा गया। प्रधानाध्यापक आनंद कुमार पांडे ने बताया कि जुलाई-अगस्त में अपनी जेब से हमने फल वितरण सेब किया था। परंतु हमें पैसा नहीं मिला । उसके बाद से मीटिंग में सूचना दी गई कि फल का पैसा नहीं आयेगा। दोपहर एक बजे बेगैर लाइन एवं टाट के बच्चे बिखर कर केवल सोयाबीन आलू की सब्जी खाते देखे गए। जब रसोईया से इस संबंध में जानकारी मांगी गई तो रसोईया दौड़ते हुए रोटी लाने गई। सैकड़ों की संख्या में गंदगी में पढ़ाई करते बच्चों पर संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ा हुआ है ।जिस पर किसी भी प्रकार का कोई अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहा है। मात्र विभाग से लेकर उच्च स्तर तक खानापूर्ति रिपोर्ट लगाकर विद्यालय में बच्चों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मौना ग्राम के प्रधान को मौके पर बुलाकर जब विद्यालय के अंदर अनियमितताओं के बारे में पूछा गया तो ,प्रधान ने कहा कि मैं अक्सर विद्यालय समिति से विद्यालय की दिक्कतों के बारे में पूछता हूं परंतु किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी जाती। प्राथमिक विद्यालय मौना कैंपस के अंदर रूम में शराब की बोतल जैसी वस्तुएं कैमरे में कैद होने के बाद प्राथमिक विद्यालय मौना के प्रधानाध्यापक सहित समस्त स्टाफ का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। परंतु जिम्मेदार जवाब देने को राजी नहीं हुए। आखिर विद्यालय के रूम के अंदर एवं कैम्पस में पुरानी शराब की बोतलों के डिब्बे कहां से आए ।आखिर विद्यालय में लगातार शराब की बोतले एवं डिब्बे मिलेंगे तो बच्चों की मानसिक स्थिति क्या होगी। जब पूरे भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उज्जवला गैस योजना का प्रचार प्रसार तेजी से हो रहा है ।तब इस समय प्राथमिक विद्यालय मौना में रसोइयों द्वारा लकड़ी पर मिड डे मील योजना का भोजन बनाया जा रहा है। बच्चों द्वारा यह बताया गया कि कभी कभार सोमवार के दिन एक चौथाई सेब काट कर बच्चों में वितरित किया जाता है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को आज दबाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है ऐसे में जब सत्यता उजागर होने लगी तो मोना प्राथमिक विद्यालय के समस्त स्टाफ धमकी देने पर आतुर हो गए। सूत्रों की जानकारी के अनुसार कई सरकारी विद्यालय ऐसे हैं जो कि अपनी कमियां छुपाने के लिए पहले से ही अपने उच्च अधिकारियों को एप्लीकेशन दे रखा है कि बगैर आदेश के कोई पत्रकार विद्यालय कैंपस में प्रवेश न करें। आखिर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से सरकारी विद्यालयों को क्या खतरा। क्या उच्च अधिकारी विद्यालयों में पहले से सूचना देकर जांच के लिए पहुंचते हैं क्या बता कर जांच करने से सत्यता उजागर हो पायेगा।
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