पूनम चौरसिया ने कहा हाल ही में भारत सरकार द्वारा सेना के सभी क्षेत्रों में अग्निवीरों की भर्ती का ऐलान किये जाने के बाद बहुत से लोगों के मन में संशय उत्पन्न हो गया है और कुछ ने तो अग्निवीरों की भर्ती प्रणाली को लेकर ऐसे सवाल किए हैं जिसका परिणाम ये हुआ है कि देश के विभिन्न शहरों में भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। जिन युवाओं को अग्निवीर बनकर देश की रक्षा के लिए बुलाया जा रहा है वे युवा देश की संपत्ति को ही आग लगा रहे हैं। 

देखा जाए तो अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया सरकार के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होने वाली है। लगता है अग्निवीर प्रणाली को अभी ठीक तरीके से समझा ही नहीं गया है। विभिन्न देशों जैसे-इजराइल,नार्वे,इटली,फ्रांस,यूक्रेन,उत्तर कोरिया,दक्षिण कोरिया,चीन आदि अन्य कई देशों ने युवाओं को सेना में सेवा देने अनिवार्य कर रखा है अर्थात आपको सेना में सेवा देनी ही पड़ेगी  और सैन्य सेवा देने से मना करने पर सजा का भी प्रावधान है किंतु हिंदुस्तान में ऐसा जरूरी नहीं किया गया है जो भी युवा अल्प सैन्य सेवा के इच्छुक हैं वे आवेदन कर सकते हैं। आईये जानते हैं अग्निवीर में भर्ती के क्या उद्देश्य हैं और इससे किस तरह के लाभ हैं।
अग्निवीरों की भर्ती से देश को युवा शक्ति से मजबूती मिलेगी जिससे कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। हमारी सेना की संख्या में काफी इजाफा होगा जिससे देश के विभिन्न हिस्सों पर इन वीरों की तैनाती कर सीमा क्षेत्रों की निगरानी पहले की अपेक्षा अधिक क्षमता से की जा सकेगी। 
इन युवाओं को भारतीय सेना में दुनिया की सबसे अनुशासित और पेशेवर सेना के साथ काम करने का अवसर भी प्राप्त होगा।
4 साल सेना में सेवा देने के बाद उनमें से 25 प्रतिशत अग्निवीरों को आगे भर्ती प्रक्रिया के लिए चुना जाएगा जो कि एक बड़ा आंकड़ा है। अग्निवीरों को प्रथम वर्ष प्रतिमाह 30 अजर, द्वितीय वर्ष 33 हजार, तृतीय वर्ष 36 और फिर अंतिम वर्ष में 40 हजार प्रतिमाह का वेतन भुगतान किया जाएगा जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार अवश्य होगा और सेवानिवृत्ति होने पर लगभग 12 लाख रुपये दिए जाएंगे जो उनकी आर्थिक स्थिति को अवश्य ही सुधरेगा। जरा सोचिए आज का कौन सा युवा जो 18 से 25 साल का हो और 30 से 40 हजार प्रतिमाह वेतन पा रहा हो शायद बहुत कम ही लोग होंगे और अगले 4 साल बाद लगभग 11.71लाख रुपये मिलने पर अपना कोई व्यापार शुरू करते हुए बहुत से लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त उनको विभिन्न प्रकार के सम्मान और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित भी किया जाएगा साथ ही साथ इसके पश्चात अन्य सरकारी नौकरी में राज्य व केंद्र सरकार इन अग्निवीरों को पुलिस बल, सीमा सुरक्षा, असम राइफल्स एवं अन्य विभिन्न भर्तियों में वरीयता प्रदान करेगी जिससे इन्हें रोजगार में सहायता प्रदान की जा सके। क्या यह सब इन युवाओं को स्वीकार नहीं है??
शायद युवाओं को नकारात्मक बातें ज्यादा ही आकर्षित करती हैं इसलिए उन्हें यह सब स्वीकार नहीं है और जगह जगह अग्निप्रदर्शन हो रहे हैं कुछ लोगों ने ये भ्रांति फैला दी है कि युवाओं का भविष्य असुरक्षित हो जाएगा तो उनको ये जान लेना आवश्यक है कि जो युवा उद्यमी बनने के इच्छुक हैं, उन्हें वित्तीय पैकेज व बैंक लोन का लाभ दिया जाएगा। जो आगे पढ़ने के इच्छुक हैं, उन्हें 12वीं के समकक्ष प्रमाण पत्र देकर ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा। जो नौकरी करना चाहते हैं उन्हें केन्द्री सशस्त्र सुरक्षा बलों व राज्य पुलिस में प्राथमिकता दी जाएगी।
एक सन्देह पैदा करने वाला तथ्य यह भी है कि इस प्रक्रिया से युवाओं के लिए अवसर घटेंगे जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है बल्कि युवाओं के लिए अवसर बढ़ेंगे आज सशस्त्र बलों में जितनी संख्या है अग्निवीरों कि संख्या उससे लगभग तीन गुना अधिक होगी। इसलिए अवसर बढ़ेंगे।
एक तथ्य यह भी है कि रेजिमेंटल निष्ठा  पर असर पड़ेगा: सरकार का कहना है कि वह रेजिमेंटल प्रणाली में किसी प्रकार का बदलाव नहीं करेगी बल्कि यह प्रणाली और मजबूत बनेगी क्योंकि यहॉं श्रेष्ठ अग्निवीर चुनकर आएंगे, इससे सामंजस्य में और भी सुधार होगा।
एक तथ्य यह भी है कि इससे सैन्य बलों की कार्य क्षमता को नुकसान होगा: आपको यह जानकारी तो अवश्य ही होगी कि अधिकतर देशों में छोटी अवधि के लिए सैन्य भर्ती व्यवस्था लागू है यह पूर्ण रूप से जांची परखी है और एक युवा और चुस्त सेना के लिए अच्छी मानी जाती है। सरकार का कहना है कि प्रथम वर्ष में भर्ती होने वाले अग्निवीरों कि संख्या सैन्य बल का तीन प्रतिशत होगा। चार साल बाद उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें सेना में फिर से भर्ती किया जाएगा। इस प्रकार सेना को जांची और परखी हुई सैन्य ताकत प्राप्त होगी। जो हमारे देश के लिए निःसन्देह सुरक्षा का दायरा बढ़ाएगा।
एक अफवाह ये भी फैली है कि सेना के लिए 21 साल के युवा परिपक्व एवं विश्वास के काबिल नहीं: शायद आपको यह मालूम ही होगा कि विश्व की अधिकतम सेनाएं युवाओं पर ही निर्भर है। किसी भी समय मे सेना में युवाओं की संख्या अनुभवी लोगों की तुलना में अधिक नहीं होगी बल्कि अग्निपथ योजना से भी 50 प्रतिशत युवा व अनुभवी रैंक के अधिकारियों का अनुपात कायम रहेगा।
आप सभी समझ सकते हैं कि अग्निवीर योजना से युवाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर तो मिलेगा ही साथ ही साथ युवाओं ने देश सेवा का जो स्वप्न देखा है उनका यह सपना भी साकार होगा और उन्हें देश सेवा का अवसर भी मिलेगा। किंतु सरकार के विपक्षी दलों ने जिस प्रकार अपने बयान सभी के समक्ष दिए हैं उससे युवाओं में संसय की स्थिति उत्पन्न हो गयी है और योजना को बिना समझे ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। इस विरोध को देखकर यही कहा जा रहा है कि अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया सरकार के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होने वाली है।

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