औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुसरोबाग प्रयागराज में रविवार ०५ जून को पर्यावरण दिवस के अवसर पर साहित्यांजलि प्रज्योदि के सहयोग से आयोजित प्रकृति से "परा प्रकृति की ओर" विषयक संगोष्ठी में पर्यावरण से जुड़े हुए एवं साहित्य के माध्यम से पर्यावरण को कैसे बचाया जा सके विषय पर संगोष्ठी पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने व्याख्यान दिए। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि आर यस वर्मा पूर्व मंडल आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल द्वारा किया गया।  मुख्य अतिथि ने कहा कि उद्यान के घटते दायरे को देखकर मौसम ने भी अपना मिजाज प्रयागराज की बाजारों में दिखाना शुरू कर दिया है जिसका परिणाम है कि इलाहाबादी अमरुद बहुत कम दिखाई दे रहे हैं पहले नंबर शुरू होते ही सेबी अमरुद की बाजारों में भरमार हो जाती थी लेकिन पिछले लगभग दो वर्षों से ऐसा नहीं हो रहा इसके लिए अधिक चिंता की बात है कि अमरूद के शहर में अमरुद के अभाव को पूरा करने के लिए दूसरे शहर से अमरुद प्रयागराज में आते हैं और आसमान चूमती कीमत मे लोगों को खरीदना पड़ता है। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उद्यान प्रभारी विजय किशोर सिंह द्वारा बताया गया कि पर्यावरण में होने वाले सभी प्रकार के प्रदूषण को रोकने का काम की वृक्ष ही करते हैं इसलिए केवल पर्यावरण दिवस के दिन ही नहीं बल्कि पूरे वर्ष वृक्षों को लगाना चाहिए तथा उनकी सेवा भी उसी तरह जैसे माता पिता गाय नदी आदि की सेवा करते हैं उसी तरह वृक्षों की भी सेवा करते रहना चाहिए यह वृक्षों  हमारे जीवन के लिए बहुत ही मूल्यवान है श्री सिंह द्वारा अपने वक्तव्य में भूमि की उर्वरता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जमीन में केचुआ खत्म हो रहे हैं जो कि भूमि की उर्वरता को बनाने में हमें सहयोग करते थे इसी कछुआ भी हमारे लिए प्रदूषण को कम करने में सहायक होते थे आज विधि धीरे-धीरे समाप्त की ओर बढ़ रहे हैं अन्य अन्य विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित आचार्य पृथ्वी नाथ पांडे ने कहा कि हम जिन प्रकृति पर विचार करते हैं वह पंचमहाभूत के रूप में हमारे अंतर्मन में है यह प्रथम विषय है कि हम उसका बोधन कर कर अपने ही साथ बल प्रयोग करते आ रहे हैं आज क्रांति की आवश्यकता है कि प्रकृति शोषण और दोहन को कब तक सहते रहेंगे संस्था के अध्यक्ष के रूप में डॉक्टर प्रदीप चित्रांशी में पीपल की उपयोगिता के साथ हुई शनि अमावस्या पर बरगद के वृक्ष की पूजा के महत्व को बताया डॉक्टर चित्रांशी द्वारा जून की तपन पर भी वृक्षों को लगाकर उन को नियमित सिंचाई जल एवं उचित प्रबंधन कर के वृक्ष को तैयार करने की सलाह दी गई इसके अलावा शिक्षा विभाग से जुड़ी हुई डॉक्टर वत्सला मिश्रा डॉक्टर सुधीर चित्रांशी डॉक्टर धर्मेंद्र प्रताप त्रिपाठी सुनील मिश्रा केशव सक्सेना सविता एवं सरिता मिश्रा आदि द्वारा अपने विचार साहित्य दुनिया से जुड़े हुए रखे गए संगोष्ठी के समापन उपरांत उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा मौलश्री का वृक्ष लगाकर पर्यावरण संतुलन के लिए एक संदेश देने का प्रयास किया गया है कार्यक्रम का संचालन रवि मिश्रा द्वारा किया गया

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