✍️संवाददाता
शिव कुमार प्रजापति
   शाहगंज जौनपुर 

न 2 गज की दूरी, न ही हाथों में हैण्ड ग्लब्स ही जरूरी
पत्रकारों को बिना हैंड ग्लव्स के ही लगाया गया कोरोना वायरस का टीका।
क्या सारे नियम व कानून आम आदमी या मजदूर वर्ग के लिए ही बना है ।
शायद कोरोना भी पहचानता है कि आप डीएम साहब हैं ,आप एसपी साहब हैं और आप पत्रकार हैं या स्वास्थ्य कर्मी हैं इसलिए आपको नियमों का कोई भी पालन करने की आवश्यकता नहीं है।
जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के आईएएस मनीष वर्मा, आईपीएस राजकरण नय्यर जैसे जिम्मेदार अधिकारियों की जिन्होंने पत्रकार भवन /सामुदायिक भवन में पत्रकारों के टीकाकरण के समय फोटोशूट करवाने में कोरोना महामारी के सारे नियमों – नियमावली को तार-तार कर दिया । जबकि  उच्च  अधिकारियों के द्वारा ही गाइडलाइन नोटिस निकाली जाती है कि दुकान के लिए, दो पहिया वाहन ,तीन पहिया वाहन, चार पहिया वाहन पर कितने लोग बैठ सकते है ऐसा  इस लिए कि कोरोना महामारी में दो गज दूरी मास्क है जरूरी ही गाइडलाइन है। लेकिन यदि सभी नियम ताक पर रखना है तो हम कह सकते हैं कि हाथ ,कपड़ा एवं शरीर को सैनेटाइज कर लेंगे परन्तु नियम का क्या होगा साहब ?

बिना हैण्ड ग्लब्स के स्वास्थ्य कर्मचारियों व स्टाफ नर्स अपनी जिम्मेदारियां संभालते हुए नजर आए और पत्रकारों का टीकाकरण भी बिना हैंड ग्लव्स के करते हुए दिखाई दिए।
जो कि फोटो और वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार से कोविड नियमों को अनदेखा किया गया है। अब इनके ऊपर कारवाही कौन करेगा कार्रवाही तो साहब गरीबों और मजदूरों के ऊपर होता है आप तो जिले के आला अधिकारी हैं ।
इतना ही नहीं डीएम साहब ने तो सरकार व पत्रकारों की लोकप्रियता पाने के लिए अपने ट्विटर हैंडल पर फोटो भी अपलोड कर दिया जिसमें साफ-साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार कोरोना नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।जब कोविड 19 संक्रमण की संख्या कम हो रही है तो क्या इस तरह की लापरवाही सही है ।

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