कोविड 19 महामारी से जांच में हो रहा विलम्ब

 ✍️संवाददाता
शिव कुमार प्रजापति
  शाहगंज जौनपुर 


 सुइथाकला - विकासखंड के मदारीपुर भेला गांव के निवर्तमान प्रधान अजय कुमार द्वारा ग्राम सभा की निधि तथा विकास कार्यों में व्यापक स्तर पर अनियमितता की जांच के कराने के संबंध में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि इस समय कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से हो रहा है और मौत के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं और उनकी स्थिति सामान्य होने के बाद मदारीपुर भेला के निवर्तमान प्रधान अजय कुमार द्वारा विकास कार्य में अनियमितता की जांच कराई जाएगी। करीब दो महीने पूर्व ग्राम पंचायत के निवासी इंदल कुमार द्वारा जिला अधिकारी को लिखित रूप से प्रार्थना पत्र के साथ हलफनामा दाखिल करके अजय कुमार द्वारा ग्राम पंचायत की निधि में अनियमितता के संबंध में शिकायत की थी जिसके संबंध में डीएम ने जिला पूर्ति अधिकारी को जांच सौंपी थी। जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी पत्रांक में लिखा था कि 15 दिन के अंदर जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय को जांच कर रिपोर्ट प्रेषित की जानी थी किंतु 1 महीने के बाद भी उनके द्वारा कोई जांच नहीं की गई थी। तत्पश्चात त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू की गई थी जिसके कारण जांच प्रक्रिया थम गई थी। जिले के आला अधिकारियों द्वारा जांच प्रक्रिया में ढील देने तथा लापरवाही बरतने के मामले में इंदल कुमार ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि उत्तर प्रदेश पूरी तरह से भ्रष्टाचार मुक्त हो किंतु प्रशासन सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करने में कोताही बरत रहा है। इंदल कुमार ने डीएम मनीष कुमार वर्मा से ग्राम सभा के निवर्तमान प्रधान अजय कुमार के द्वारा विकास कार्यों के नाम पर किए गए लंबे घोटाले की जांच कराने की मांग की है। इंदल कुमार ने यह भी कहा कि यदि प्रशासन पूर्व प्रधान द्वारा विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन के बंदरबांट में संलिप्त अधिकारियों कर्मचारियों सहित अजय कुमार के खिलाफ जांच उपरांत कार्रवाई नहीं होती है तो वह गांव की जनता को न्याय दिलाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को बाध्य होगा।
अब देखना है कि  भ्रष्टाचार के प्रति जिम्मेदार  अधिकारी कितने जिम्मेदार हैं या फिर केवल कागजी इतर्शी कर लेते हैं

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