✍️संवाददाता
शिव कुमार प्रजापति
  शाहगंज जौनपुर 

वाराणसी मण्डल के जनपद जौनपुर में स्थित बसौली धाम जनपद के पश्चिमांचल में स्थित देवी धाम बसौली के नाम से मशहूर शीतला माता का भव्य मंदिर शाहगंज तहसील के विकासखंड सुइथाकला के पट्टीनरेन्द्रपुर ग्राम बसौली में स्थित है जहां प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र तथा शारदीय नवरात्र में नौ दिन तक लगातार शीतला माता के हजारों श्रद्धालुओं का विशाल जनसमूह भक्ति के रंग में रंगा हुआ दिखाई देता है। मंदिर के पुजारी पंडित रमेश तिवारी कहते कि शासन द्वारा कोविड-19 की प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने तथा अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी भक्त लगातार आस्था की डुबकी माता रानी के चरणों में लगा रहे हैं। नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि का है। पंडित रमेश तिवारी ने बताया कि पंचांग के अनुसार 19 अप्रैल को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है ।इस दिन नवरात्रि का सातवां दिन है। नवरात्रि की सप्तमी तिथि में मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। मां कालरात्रि की पूजा से शनिदेव का प्रकोप भी नहीं होता। मां कालरात्रि दुश्मनों से अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। मां की पूजा करने से बुरी शक्तियों, अज्ञात भय तथा तनाव का नाश होता है। माताजी दुष्टों तथा दुश्मनों का संहार करती हैं। उन्होंने बताया कि दुर्गा माता ने कालरात्रि मां का रूप तब धारण किया था जब असुरों के राजा रक्तबीज का पाप और अत्याचार चरम सीमा को पार कर गया था । श्याम वर्ण  होने से उनका नाम कालरात्रि पड़ा।पुजारी ने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है इसके लिए माता जी के भक्तगण अपनी सामर्थ्य के अनुसार बढ़-चढ़कर मंदिर के निर्माण में सेवाएं अर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्माण हो रहा भव्य मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र बनेगा। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी आचार्य संतोष शास्त्री मां के दरबार में पहुंचे और मत्था टेक कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने देवी धाम बसौली की शीतला माता की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि आज हमारा परम सौभाग्य है  मां की कृपा इस क्षेत्र के लोगों पर है। मंदिर के अस्तित्व और उत्पत्ति के विषय में उन्होंने बताया कि पूर्वजों के कथनानुसार किसी को भी ज्ञात नहीं है यह मंदिर कितने वर्षों से अस्तित्व में आया। आए हुए श्रद्धालुओं का कहना है कि मां का दरबार बहुत बड़ा है इनके चरणों में जो भी श्रद्धा से सिर झुकाता है और अपनी झोली फैलाता है मां उसकी सारी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करती हैं। लोगों ने बताया कि माता रानी के शरण में आकर अपार आत्मिक व आनंद की प्राप्ति होती है।भक्त प्रतिवर्ष फिर  इस शुभ दिन का इन्तजार करते है

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