आंदोलनकारियों के खिलाफ दमन, यूएपीए, एनएसए, लाठी चार्ज, फर्जी मुकदमें, जेल व धार्मिक-दंगें आदि हैं मोदी सरकार के असली टूलकिट - आइसा

हम संविधान, लोकतांत्रिक-अधिकारव पर्यावरण बचाने वाले जिम्मेदार नागरिक हैं, इन्हें खत्म करने वाली मोदी सरकार देशद्रोही है - विकास गोंड

इलाहाबाद
पुनीत सेन

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी और देशद्रोह के झूठे मुकदमें में जेल भेजे जाने के खिलाफ 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया था। जिसके तहत इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर भी आइसा कार्यकत्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते एवं भाजपा सरकार के इस कार्यवाही की निंदा की। 
विरोध-प्रदर्शन में शामिल आइसा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान ने कहा कि स्वीडन देश की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा यूएनओ के खिलाफ आलोचना और आंदोलन करने पर इंटरनेशनल चिल्ड्रन पीस प्राइज से सम्मानित किया जाता है, लेकिन हमारे देश में यह बड़े ही शर्म की बात है कि पर्यावरण को बचाने के लिए मोदी सरकार के जन-जल-जंगल-जमीन विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने पर पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को देशद्रोह के फर्जी मुकदमें में जेल भेज दिया जाता है। अपनी पूंजीवादी नीतियों के तहत देश बेच देने की योजना में मोदी सरकार विपक्षहीन सत्ता चाहती है, चाहे वह सड़कों पर सवाल पूछते छात्र हों, किसान हो या मानवाधिकार कार्यकर्ता। सीएए-एनआरसी आंदोलन, किसान आंदोलन और रोजगार के लिए छात्र-युवा आंदोलनों पर दमन करने के लिए यूएपीए, एनएसए, लाठी चार्ज, फर्जी मुकदमें, जेल व धार्मिक-दंगें आदि मोदी-योगी सरकार के  असली टूलकिट हैं जिनका वह दुरुपयोग कर रही है।
    एम.ए (साइकोलॉजी) के छात्र व आइसा कार्यकर्ता विकास गोंड ने कहा कि यह सरकार आइसा नेता नितिन राज, मजदुर नेता नवदीप कौर, गुलफिशां, नताशा पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि, देवांगना जैसे छात्र-छात्राओं से दुश्मन की तरह  व्यवहार कर रही है और देशद्रोही बता रही है।  हम संविधान, लोकतांत्रिक-अधिकार व पर्यावरण बचाने वाले जिम्मेदार नागरिक हैं, इन्हें खत्म करने वाली मोदी सरकार असली देशद्रोही है। राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के माध्यम से आइसा कार्यकर्ताओं ने सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं की अविलम्ब बिना शर्त रिहाई की मांग किया। 

प्रदर्शन में आइसा कार्यकर्ता मेहंदी हसन, रिज़वान, विपुल, अरविंद प्रजापति, अंतस सर्वानन्द, पुनित सेन, विवेकानंद, प्रदीप ओबामा, आशीष पटेल, योगेंद्र यादव व शैलेश पासवान समेत दर्जनों छात्र शामिल रहे।

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